Friday, December 21, 2018

क्या तनाव आपके दांतों को प्रभावित कर सकता है

क्या तनाव आपके दांतों को प्रभावित कर सकता है

★★★ बालों के गिरने से झुर्रियों तक बहुत सी समस्याओं का कारण है तनाव । लेकिन अगर हम यह कहें कि तनाव के कारण आपके दांत भी खराब हो सकते हैं तो शायद आपके लिए यह आश्चार्य की बात होगी । यह विचार शायद बहुत समर्थक नहीं होगा । विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि दांतों का खराब होना अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है । यह स्थिति सिर्फ दांतों को ही प्रभावित नहीं करते बल्कि कई बार ऐसे कारणों से आपको सार्वजनिक जगह पर शर्मिंदा भी होना पड़ता है । तनाव किसी भी रूप में नुकसानदायी होता है लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं जिनमें की तनाव के कारण होने वाली समस्याओं का हमें खुद भी पता नहीं चलता । ऐसी ही एक समस्या है नींद में या होश में दांत किटकिटाना ।

★★★ क्या आप दांत किटकिटाते हैं

1. क्या किसी ने आपको कहा है कि आप नींद में दांत किटकिटाते हैं
2. क्या आप जबड़ों के दर्द, सरदर्द कंधे या गर्दन दर्द के कारण से जाग जाते हैं
3. क्या सुबह उठने पर आपके जबड़ों में दर्द होता है
4. क्या‍ आपको चेहरे के दूसरे तरफ दर्द होता है
5. क्या आपके दांत संवेदनशील हैं

अगर आपको उपरोक्त समस्याओं में से कोई भी समस्या है तो आप डेंटिस्ट से ज़रूर सम्पर्क करें । बहुत से विशेषज्ञों का ऐसा भी मानना है कि ब्रक्सिपज़म (दांत किटकिटाना) एक अनुवांशिक बीमारी है और बहुत से मरीज़ों को इस बीमारी का पता भी नहीं चल पाता । लेकिन तनाव को इस बीमारी का एक मुख्य कारक माना गया है ।

दांत किटकिटाना सुनने वाले के लिए चि‍डचिड़ाहट पैदा करने वाला विषय हो सकता है और मरीज़ के लिए शर्मिंदगी का विषय हो सकता है । लेकिन इससे होने वाली समस्याएं बड़ी भी हो सकती हैं और ऐसा भी ज़रूरी नहीं कि सभी समस्याएं दांतों से सम्बंन्धी ही हों । यह समस्या एंक्रेनियोफेशियल नर्व को भी प्रभावित कर सकती हैं । यह एक ऐसी गतिविधि होती है जो कि हमारी अवचेतन अवस्था में होती है इसलिए हमें इसका पता भी नहीं चल पाता और अधिकतर स्थितियों में यह सोते समय होता है इसलिए इसपर हमारा बस भी नहीं होता स्थितियों का पता तब लगता है जब कि इसी प्रकार दांत किटकिटाने पर एक दिन दांत टूट जाते हैं या फिर चेहरे पर सूजन आ जाती है । गुस्सा ,निराशा और आक्रामकता ऐसे कारण हैं जिनसे ऐसी समस्या होती है ।

कुछ रात्री में जागने वाले नींद के एक घण्टे में 40 मिनट तक दांत किटकिटाते हैं । ऐसा करने से दांतों की बाहरी सतह इनेमल के निकलने का खतरा रहता है और दांत टूट भी सकते हैं। इनेमल दांतों की सबसे बाहरी परत है, यह बहुत कठोर होती है और इसलिए यह दांतों को किसी भी प्रकार की क्षति से भी बचाता है। ऐसे में दांत, जबड़े, कानों में दर्द हो सकता है और यहां तक कि सरदर्द भी हो सकता है । मांस पेशियों पर लगातार दबाव पड़ने के कारण चेहरा चौकोर सा दिखने लगता है । वो लोग जो कि माइल्ड ब्रक्सिरज़म से प्रभावित होते र्हैं वो शारीरिक और मानसिक तनाव के लक्षण भी दर्शाते हैं । यह समस्या कम उम्र के बच्चों में भी हो सकती है ।

★★★ बचाव के तरीके:

सोने से पहले तनाव से मुक्त होने का प्रयास करें । आप तनाव कम करने के लिए कम आवाज़ में गाने सुन सकते हैं ।

1. नाइट गार्ड आक्लूमज़ल स्पलिन्‍ट का प्रयोग करना । कुछ लोगों में इसके प्रभाव से दांतों का किटकिटाना बढ़ जाता है और कुछ में बिलकुल ही ठीक हो जाता है । इसे फिट करने के लिए दंत चिकित्सक के अस्पताल में जाना पड़ता है । यह प्लास्टिक का यंत्र होता है और यह दांतों में आगे से पीछे की ओर लगा होता है ।

2. कुछ लोगों में दांतों पर दबाव पड़ने के कारण स्लिनेकन्ट टेढ़े हो जाते हैं । ऐसी स्थितियों में स्लिनेकन्ट या गार्ड बदलने पड़ते हैं ।

3. दांतों के लिए एक्यूपंचर, मसाज, रिलैक्सेशन थेरेपी और मेडिटेशन की भी सलाह दी जाती है ।

4. प्रभावित मांस पेशियों में बटक्सि का इन्जेक्शन भी लगाया जा सकता है । जिससे कि मांस पेशियों में थकान नहीं होता ।

5. आराम से और अच्छी नींद लेना दांत किटकिटाने जैसी समस्या का समाधान हो सकता है ।

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