मुंह के अंदरूनी तत्व
★★★ अगर आप जानना चाहते हैं कि जब आपके दांत सड़ने लगते हैं, तो क्या होता है, तो सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि आपके मुँह में क्या-क्या रहता है। कुदरती तौर पर आपके मुँह में जो तत्व मौजूद रहते हैं वे निम्नलिखित हैं:
★★ लार:
लार आपको मुँह की बीमारियों से बचाता है । यह आपके दांत और मुँह के अन्य उत्तकों (टिश्यूज़)को नम रखता है, उन्हें स्वस्थ रखता है एवं खाने के बाद जब किसी खाद्य पदार्थ का कोई टुकड़ा या कण आपके दांतों के बीच फंसा रह जाता है तो लार उन्हें निकालने में भी आपकी मदद करता है और तो और, लार आपको कुछेक वायरस एवं बैक्टीरिया से भी बचाव करता है। खाद्य पदार्थ के साथ अगर कोई वायरस या बैक्टीरिया आपके मुँह में चला जाता है तो लार उन्हें मुँह में हीं नष्ट कर देता है जिससे बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवी पेट में नहीं पहुँच पाते ।
★★ प्लेक:
यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है जिसका निर्माण तब होता है जब मुँह में मौजूद बैक्टीरिया, मुँह में पड़े खाद्य कणों एवं लार के साथ मिलकर दांतों की सतह पर जमने लगते हैं। प्लेक में (बैक्टीरिया,प्रोटोज़ोआ, माइकोप्लाज़माज़, यीस्ट) मौजूद होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से मुँह में होते हैं। जैसे-जैसे बैक्टीरिया पनपते जाते है, वैसे-वैसे प्लेक बढ़ता जाता है। प्लेक का बनना तभी से शुरू हो जाता है जब आप सुबह ब्रश करते हैं। तकरीबन एक घंटे में ही यह कई गुणा बढ़ जाता है।
★★ कैलकलस:
अगर प्लेक को जल्द हीं नहीं हटाया गया तो यह कैलकलस को टारटार के रूप में परिवर्तित करने लगता है, जो सख्त होता है क्योंकि यह लार में से कैल्शीयम, फास्फोरस एवं अन्य खनिज पदार्थ को सोखता है। कैलकलस के ऊपर ज्यादा से ज्यादा प्लेक जमा होता जाता है जिसमें कैल्शीयम की मात्रा ज्यादा होती है।
★★ जीवाणु (बैक्टीरिया):
हमारे मुँह में हमेशा ही अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं। कुछ बैक्टीरिया अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे। जो बैक्टीरिया मुंह के लिए अच्छे होते हैं, वो विनाशकारी बैक्टीरिया को अपने नियंत्रण में रखता है। जो दांत कैरीज़ से ग्रस्त होते हैं, उसे स्ट्रैप्टोकोकस म्यूटैंस नामक बैक्टीरिया सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाता है।
★★ दांतों का क्षय कैसे होता है:
ऐसे खाद्य पदार्थ जो खाने के बाद दांतों से चिपके रह जाते हैं या जिनमे शक्कर ज्यादा होती है, वे प्राकृतिक रूप से पहले से मुँह में मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिलकर आपके मुँह में अम्ल का निर्माण करते हैं। खाना खाने के कुछ देर बाद तक आपका मुँह अम्लीय रहता है। यह अम्ल दांतों के ईनेमल को घिसने का काम करता है जिसके कारण कैविटी का निर्माण होता है।
सिर्फ मीठे खाद्य पदार्थ या आईसक्रीम खाने से ही कैरीज़ नहीं होते हैं। ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ, जिसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है (जैसे कूकीज, केक, साफ्ट ड्रिंक, केले, आलू के चिप्स इत्यादि) वह ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़ जैसे शुगर का निर्माण करता है। मुँह में मौजूद बैक्टीरिया इन शर्करा के साथ मिलकर अम्ल का निर्माण करता है। यह अम्ल दांतों के ईनेमल को (जो दांतों की रक्षा के लिए कवच का काम करता है) गलाता है। आप जितनी बार कुछ खाते हैं उतनी हीं बार आपके मुँह में मौजूद बैक्टीरिया अम्ल का निर्माण करते हैं। अतः इससे बचने हेतु हर समय कुछ न कुछ खाना बंद करें।
कैविटी का निर्माण तब ज्यादा बढ़ जाता है जब दांतों की सड़न दांतों को खोखला करती हुई दांत में भीतर तक गड्ढा बनाती चली जाती है। कैरीज़ से बचा जा सकता है और यहाँ तक कि कैरीज़ को कैविटी बनने से पहले हीं, फ्लोराइड युक्त उत्पादों से ठीक भी किया जा सकता है ( जैसे फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, फ्लोराइड रिंज़ेज़ इत्यादि)।
........ ये जानकारी आप को कैसी. लगी कृपया comment कर के बतायें।अगर आपके कोई सावल या सुझाव हो तो भी जरूर बताएं
ऐसे खाद्य पदार्थ जो खाने के बाद दांतों से चिपके रह जाते हैं या जिनमे शक्कर ज्यादा होती है, वे प्राकृतिक रूप से पहले से मुँह में मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिलकर आपके मुँह में अम्ल का निर्माण करते हैं। खाना खाने के कुछ देर बाद तक आपका मुँह अम्लीय रहता है। यह अम्ल दांतों के ईनेमल को घिसने का काम करता है जिसके कारण कैविटी का निर्माण होता है।
सिर्फ मीठे खाद्य पदार्थ या आईसक्रीम खाने से ही कैरीज़ नहीं होते हैं। ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ, जिसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है (जैसे कूकीज, केक, साफ्ट ड्रिंक, केले, आलू के चिप्स इत्यादि) वह ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़ जैसे शुगर का निर्माण करता है। मुँह में मौजूद बैक्टीरिया इन शर्करा के साथ मिलकर अम्ल का निर्माण करता है। यह अम्ल दांतों के ईनेमल को (जो दांतों की रक्षा के लिए कवच का काम करता है) गलाता है। आप जितनी बार कुछ खाते हैं उतनी हीं बार आपके मुँह में मौजूद बैक्टीरिया अम्ल का निर्माण करते हैं। अतः इससे बचने हेतु हर समय कुछ न कुछ खाना बंद करें।
कैविटी का निर्माण तब ज्यादा बढ़ जाता है जब दांतों की सड़न दांतों को खोखला करती हुई दांत में भीतर तक गड्ढा बनाती चली जाती है। कैरीज़ से बचा जा सकता है और यहाँ तक कि कैरीज़ को कैविटी बनने से पहले हीं, फ्लोराइड युक्त उत्पादों से ठीक भी किया जा सकता है ( जैसे फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, फ्लोराइड रिंज़ेज़ इत्यादि)।
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